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गम्भीरता से लो कोरोना को - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक -  गम्भीरता से लो कोरोना को  कवि -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  🙏 माक्स लगा कर बनाना हमेशा दो गज की दूरी 🙏 🙏 हाथ धोना बार - बार है बहुत जरूरी 🙏  🙏 गम्भीरता से लो, कोरोना को खेल ना समझो 🙏  🙏 घर में रहो सुराक्षित घर को जेल ना समझो 🙏 🙏 देशभक्ति है इस वक्त घर में बैठना 🙏 🙏 सरकार की बात को मत ऐठना 🙏 🙏 सरकार को हमारी फिक्र है 🙏  🙏 सरकार इस पर कर रही जिक्र है 🙏  🙏 हमें सरकार का साथ देना है 🙏  🙏 उसके काम में हमें हाथ देना है 🙏  🙏 हमारा काम कोरोना को हराऐगा 🙏   🙏 भारत से उसे भगाऐगा  🙏 🙏 एक भी कदम हम बाहर ना निकालेगे दहलीज़ से 🙏  🙏 रहेगे घर में अपने हम बड़े ही तमीज़ से 🙏  🙏 कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे 🙏  🙏 कोरोना को हम पिटेंगे 🙏   🙏 गम्भीरता से लो, कोरोना को खेल ना समझो 🙏  🙏 घर में रहो सुराक्षित घर को जेल ना समझो 🙏                                      -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया 🙏   रामजी रामेष्ट दौदेरिया   

कोरोना को हराएंगे - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक  -  कोरोना को हराएंगे  कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया           🙏 नमक रोटी  खाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏 🙏  इंटरनेट चलाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏 🙏 पड़े पड़े सो जाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏 जब तक कोरोना को ना हराएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  परिवार के साथ वक्त बिताएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏 🙏  बीबी का हाथ बटाँएगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  घर पे सारे काम कराएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏 जब तक कोरोना को ना हराएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  बच्चों को पढ़ाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  कहानी सुनाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे  🙏  🙏  संस्कार सिखाएगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏 जब तक कोरोना को ना हराएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  सब को रुकाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏 माक्स लगाएगे, हाथ धुलाएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏  देश भक्ति दिखाएंगे , घर से बाहर ना जाएंगे 🙏  🙏 जब तक कोरोना को ना हराएंगे, घर से बाहर ना जाएंगे 🙏                                    - रामजी रामेष्ट दौदेरिया   

जागरूक करना सब को जगाना है - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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इस तरह करे कोरोना से बचाव  शीर्षक -  जागरूक करना सब को जगाना है  कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  🙏 जागरूक करना सब को जगाना है 🙏 🙏कोरोना से लड़ना, इसे मार भगाना है 🙏 🙏 शपथ लो घर में ही रहना है 🙏 🙏  सब को भी यही कहना है  🙏 🙏 कोई भी घर से ना निकले इक्कीस दिन 🙏 🙏 कृपया रह लो देश के खातिर घूमे बिन  🙏 🙏 ज़रूरी हो देश खातिर रामजी करता विनती 🙏 🙏 अनगिनत दिन घर में रहना ना करना गिनती  🙏  🙏 कृपया लॉक डाउन का पालन करें सभी 🙏  🙏 देश से कोरोना का खात्मा होगा तभी  🙏 🙏 मुख्य द्वार को समझे लक्ष्मण रेखा, बाहर ना निकले बिल्कुल भी 🙏 🙏 हम बचे घर परिवार को बचाए और बनाए देश को भी 🙏 🙏  जब हम करेगें अच्छे से लॉक डाउन का पालन 🙏 🙏 निश्चित होगा अपने  देश से कोरोना का पलायन  🙏 🙏  सरकार सही काम कर रही, ज़िम्मेदारी बनती हमारी 🙏 🙏  बात मान सरकार की, देश से भगाए कोरोना महामारी 🙏                                        - रामजी रामेष्ट दौदेरिया  🙏         🙏🙏 कृपया कोई भी 21 दिन तक अपने घर से बाहर नहीं निकले, अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपने देश के लिए, ये एक ऐसा

दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक  - दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में  कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  देश के दुश्मन हुए इकट्ठे शाहीन बाग में  दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में  किसी का मकान जला किसी की दुकान जली  मानवता का कौन दुश्मन किस ने ये चाल चली                            दिल्ली दहल उठी, हुई है वेगुनाह की मौतें         नहीं थमी फिर भी दंगगाईयों की साँसें   हाहाकार करते लोग वहाँ से लगे है भागमभाग में       दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में  बापू ने सिखाया हमे आंदोलन करना अहिंसा से  सारा शहर जला कर रख दिया तुम ने हिंसा से  उजाड़ दिए किस नफ़रत में तुम ने लोगों के घर  ना संविधान से ना सरकार से तुम्हें लगता डर  बंद करो गीत गाना तुम नफ़रत के राग में  दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में  पहले पढ़ो समझो आखिर क्या है कानून  यूँही मत बहाओ भाई होकर भाई का खून  हमारा ही घर फूँकती नफ़रत हमारी  भूल जाते हम देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी  चंद लोग है जयचंद देश के झोक दो उन्हें चिता की आग में  दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में  देश के दुश्मन हुए इकट्ठे शाहीन बाग में  दिल्ली को झोक दिया दंगो की आग में