हर किसी को पढ़नी चाहिए ये महा मोटिवेशनल कविता, निश्चित आखिर में तू जीत जाएगा - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

शीर्षक - निश्चित आखिर में तू जीत जाएगा 
   कवि  - रामजी रामेष्ट दौदेरिया 

  
   जब सब कुछ खत्म हो जाता है 
 इंसान तब अक्सर तनाव में आता है 
अनगिनत हो सकते हैं तनाव के कारण 
पर हर एक कारण का होता है निवारण 

आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है 
 बात कुछ समझ नहीं आती है 
या कर्ज तले दब जाता है 
  फिर उभर नहीं पता है 
या गम्भीर शारीरिक रूप से तंग होता है 
   जब कोई नहीं उस के संग होता है 
   चारों ओर दुनिया भर का मेला 
फिर भी महसूस करता वह अकेला 
   जब पल पल घुटता वह इंसान 
हर पल मरता उस का मान सम्मान 
बार - बार होता जब उस का अपमान 
   तब सोचता वह ले लू अपनी जान 
     चारों तरफ से परेशानियों में घिर जाता है 
समस्या का समाधान जब कुछ नज़र नहीं आता है 
  जब सब कुछ खत्म हो जाता है 
इंसान तब अक्सर तनाव में आता है 
  तब अक्सर इंसान निर्णय ले लेता है 
   मैं अपने प्राण दे दूंगा ये कह देता है 

फिर भी कोई निश्चित नहीं की वह अपने प्राण ले ले 
कहते लड़ते संघर्ष करते वह ये सारे दुख दर्द सह ले 
  ज़िंदगी से वह कभी हार ना माने 
हो सकता वह हमेशा लड़ने की ठाने 
 लड़ते - लड़ते संघर्ष करते बहुत कुछ वह सीख जाएगा 
निश्चित मैं यह कह सकता हूँ आखिर में वह जीत जाएगा 

हमारे जीवन में कितने भी दुख दर्द आए 
    कितने भी तनाव से हम घिर जाए 
            हम बिल्कुल ना घबराए 
           बस संघर्ष करते चले जाए 
        हमे हर दुख दर्द को हँस कर पीना है 
हमे हर स्थिति में बस जीना है जीना है जीना है 
 लड़ते - लड़ते संघर्ष करते बहुत कुछ तू सीख जाएगा 
निश्चित मैं यह कह सकता हूँ आखिर में तू जीत जाएगा 

फिर भी तू ने निर्णय ले ही लिया अपने प्राण त्यागने का 
           इस दुनिया रूपी रण को छोड़ भागने का 
 अपने प्राण त्यागने से पहले एक मंजर देख लो 
   शोक मताम का सारा अपना समंदर देख लो 
अपने घर परिवार का बीबी बच्चे माँ बाप का 
   भविष्य में आने वाले सारे अभिशाप का 
 अत्महत्या बड़ी मजबूरी में कोई करता है 
      वह मौत से नहीं जिंदगी से डरता है 
         तेरे जाने के बाद सब करेंगे तुझे याद 
तेरे बच्चे बीबी माँ बाप तुझे पाने की करेंगे फरयाद 
दुःख दर्द अनेक तेरे बच्चे बीबी माँ बाप सहते है 
         तभी तो आत्महत्या को पाप कहते है 
बीबी बच्चे माँ बाप का हाल क्या होगा सोच एक बार 
 आत्महत्या से पहले तू कल्पना कर के देख एक बार 
       तू तो चला जाएगा छोड़ कर संसार 
 बीबी बच्चे माँ बाप को दे जाएगा कष्ट अपार 
कभी करने की नहीं सोचना खुदखुशी 
हमेशा खुश रहना कभी नहीं होना दुखी 
क्योंकि तू जीतेगा जीत के ही रहेगा 
    आखिर में तू जीत जाएगा 
एक दिन खुशी के तू गीत गायेगा 
 लड़ते-लड़ते संघर्ष करते बहुत कुछ तू सीख जाएगा 
निश्चित मैं यह कह सकता हूँ आखिर में तू जीत जाएगा 
                                    - रामजी रामेष्ट दौदेरिया 
 रामजी रामेष्ट दौदेरिया - कवि,लेखक 







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