वृक्षों के काटने से कष्ट नहीं होते वन को - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

    रामजी रामेष्ट दौदेरिया 

शीर्षक  - वृक्षों के काटने से कष्ट नहीं होते वन को 
कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया 


* वृक्षों के काटने से कष्ट नहीं होते वन को
  वृक्ष अगर कटोगे तो हानि होगी जन जन को

 सोचा कभी क्या तुम ने मानव , ना होते वृक्ष वन
       श्वाँस लेते कैसे , कैसे चलता हमारा जीवन
          वृक्ष देते हमें वायु श्वाँस लेने को
      छाया करते, फूल फल , लेते खाने को

औ प्रदूषण दूर करते , पर्यावरण स्वच्छ बनाते
जीवन में लाभ देते हर मानव को सुख पहुँचाते
वनों से जड़ी बूटियाँ मिलती लकड़ी की होती प्राप्ति
अधिकाधिक तुम पौधे लगाओ वृक्षो की कारो पूर्ति

रक्षा करो वृक्ष व्यर्थ ना कटने पाए एक
जरूरत पर काटो एक , लगाओ अनेक
लाभ ही लाभ वृक्षों से बढ़त है स्तर पानी का
क्यों वृक्ष काटते मानव कार्य करते मनमानी का 

वृक्षों के पत्ते  धूप सहते मानव को फिर भी छाया देते
अपने फल स्वयं  नहीं खाते मानव को हैं खिलाते
वृक्ष ना कटने पाए अब प्रतिक्षा करो मन से
मानव को लाभ दे रहे ये पुरातन से

एक वृक्ष सौ सुपुत्र समान
लगाने से पुण्य मिलता बढ़ता सम्मान
वन वृक्ष , प्रकृति का अनमोल वरदान
ना काटो इन्हें, पेेड़ पौधे लगाओ इंसान

वृक्षों के काटने से कष्ट नहीं होते वन को
वृक्ष अगर कटोगे तो हानि होगी जन जन को 
                                   - रामजी रामेष्ट दौदेरिया 
                    
       
      R R D - Ramji Ramesht Dauderiya 
                             

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