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मजहब ही सिखाता है आपस में बैर रखना - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक - मजहब सिखाता है आपस में बैर रखना         कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया       आज इंसान इंसान न रहा  भाईचारा प्रेम हृदय में ज्ञान न रहा  मजहब मजहब करते है  मजहब के नाम पर लड़ते है  मजहब सिखाता है अपनो को गैर करना  मजहब सिखाता है आपस में बैर रखना      पहले हम इंसान थे  हम मजहब से अनजान थे   हृदय में प्यार सच्चा था  इंसानियत धर्म अच्छा था  मजहब ने सिखाया इंसानियत की न खैर करना      मजहब सिखाता है आपस में बैर रखना  धर्म से अलग होकर तुम ने ये जो मजहब बनाए      मजहब धर्म के लिए दिल में नफरत वसाए  आओ एक हो जाए हम , सारे मजहब जलाए         हम एक इंसानियत धर्म निभाए  मजहब सिखाता हर काम धर्म बगैर करना  मजहब सिखाता आपस में बैर रखना  धर्म ही बचा कर रख पाएगा इंसानियत को  मजहब से तो खोट पैदा होती इंसानी नियत को  मजहब अगर इंसान को इंसान से जोड़ सकता  तो पाकिस्तान से अलग बांग्लादेश न बनता  मजहब अगर इतना ही सच्चा होता   तो बलूचों पर अत्याचार न होता  मजहब का मक़सद है बस अपने पैर पसारना     मजहब सिखाता है आपस में बैर रखना  मजहब के कारण मिट चुकी और मिट रही है हस्ती हमारी कभी पाकिस्तान अफग

ताजमहल नहीं है प्यार की निशानी, क्यों नहीं है जाने कविता के जरिए, रामजी रामेष्ट दौदेरिया की कविता

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  शीर्षक - ताजमहल नहीं है निशानी प्यार की            कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया      ताजमहल नहीं है निशानी प्यार की   ये कब्र कहानी बयाँ करती अत्याचार की      प्यार की निशानी तो है राम सेतु  बनाया गया जिसे सियाराम मिलन हेतु  प्यार की निशानी तो पर्वत काट रास्ता बनाना है   दशरथ मांझी का ये प्यार मेहनत का खजाना है  प्यार की निशानी तो मंदिर और गुरुद्वारा है    गुरुद्वारा में लंगर और मंदिर में भंडारा है      ताजमहल नहीं है निशानी प्यार की  ये कब्र कहानी बयाँ करती अत्याचार की  ताजमहल बनाया था जिन-जिन कारीगर कर्मचारी ने  हाथ उन सब के कटवा दिए थे शाहजहाँ अत्याचारी ने  ताज महल घूमने जाना  तस्वीर उसकी घर लाना  माना वह अद्भुत है  पर वह अशुभ है         है तो एक कब्रिस्तान ही  प्यार नहीं, हवस उसकी पहचान ही  ताजमहल से अद्भुत अतिसुन्दर मंदिर हैं हमारे देश में     मानव कल्याण और वरदान है मंदिरों के संदेश में  मंदिर जाओ दर्शन करो घर लाओ उनके चित्र      मंदिर में बैठे ईश्वर ही है हमारे सच्चे मित्र  स्वयं की बुद्धि से सोच विचार करो जरा    जिस का दिल ही था नफरत से भरा         वो

जय हिन्दू राष्ट्र भारत - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक  -  जय हिन्दू राष्ट्र भारत  कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया   भारत सनातन संस्कृति की परंपरा रहा  हिन्दुस्तान पुरातन से हिन्दूओं की धरा रहा  सनातन संस्कृति बचाने में हमारे पूर्वजों ने अनंत योगदान दिया  रक्त  से   सिंची  भारत  भूमि  प्रणों  का  बलिदान  दिया          अब बारी हमारी भारत माता हमें पुकार रही  संकल्प करें हम हिन्दूराष्ट्र का भारत माता हमें निहार रही  भारत को हिन्दू राष्ट्र कहने में क्या आपत्ति है  हिन्दू राष्ट्र से जिहादियों गद्दारों को विपत्ति है  भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं कहा जाएगा     ये दर्द अब और नहीं सहा जाएगा  भारत  नहीं  होगा  तो  कौन  सा  राष्ट्र  हिन्दू  राष्ट्र   होगा  जग में  हिन्दूओं का खून हैं शामिल भारत की मिट्टी में मिट्टी   के रग रग में  भविष्य में भारत इस्लाम ईसाई या कोई और राष्ट्र हो जाए  अच्छा होगा इससे पहले भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाए       कल्पना करो , भारत अगर हिन्दू राष्ट्र नहीं बना  अत्याचार होगे अपार हिन्दूओं पर वसना होगा मना  मतभेद भुला कर सारी हिन्दू जातियाँ एक हो जाओ       अखंड हिन्दू राष्ट्र भारत के लिए आगे आओ  अपने हक की

R R D की डायरी की शायरी 💕

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https://youtube.com/channel/UClhX4nO8Zc-Rrnoi4VKudFg #RRD की डायरी की शायरी  रामजी रामेष्ट दौदेरिया Ramji Rameshth Dauderiya ( R R D ) रामजी दौदेरिया - Ramji Dauderiya  R R Dauderiya you tube channel link 👇 https://youtube.com/channel/UClhX4nO8Zc-Rrnoi4VKudFg

आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो आरक्षण पूर्णता खत्म होना चाहिए - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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किसी भी क्षेत्र में आरक्षण देना का मतलब है उस क्षेत्र की बर्बादी और देश की क्षति ! मैं हर क्षेत्र में आरक्षण का विरोध करता हूँ और आरक्षण देने वालो का भी ! कर सको तो आरक्षण पूर्णता बंद करो और योग्य व्यक्ति को उसकी योग्यता के हिसाब से पद दो जिससे देश सही मायने में आत्मनिर्भर बन सके ! एक ओर सरकार आत्मनिर्भरता की बात करती है और दूसरी ओर आरक्षण देती है तो जरा बताइए सरकार में बैठे बुद्धिजीवियों फिर आत्मनिर्भर भारत कैसे बनेगा ?  मेडिकल क्षेत्र में आरक्षण का मतलब बीमारी को नहीं बीमार को ही मार देना है ! शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण का मतलब बच्चों का भविष्य बर्बाद करना, बच्चों का भविष्य बर्बाद देश अपने आप बर्बाद , क्योंकि इतना तो जानते ही होगे आरक्षण देने वाले की बच्चे देश का भविष्य होते है ! इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आरक्षण देना का मतलब घटिया गुणवत्ता ( Quality ) के पुल , सड़क और हादसा से जन की मौत और धन की हानि !  किसी भी क्षेत्र में आरक्षण देना का मतलब देश को क्षति पहुँचा !  आरक्षण वोटबैक हो गया, हर नेता आरक्षण को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, आरक्षण एक ऐसा हथियार है जिस

तेरे लिए मैंने कितने नगमे सजाये - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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गीत शीर्षक - तेरे लिए मैंने कितने नंगमे सजाये             गीतकार - रामजी रामेष्ट दौदेरिया  तेरे लिए मैंने कितने नगमे सजाये        गीत बनाये संगीत बनाये      जब तुम से मैंने नैन मिलाये  सपने सजाये दिल में ख्वाब जगाये  तेरे लिए मैंने कितने नगमे सजाये       गीत बनाये संगीत बनाये  तेरी हर अदा का मैंने चित्र बनाया   अपने दिल को तेरा मित्र बनाया  प्यार वाले मैंने उसमें रंग सजाये   मेरा दिल गाये जब तू मुस्काये  तेरे लिए मैंने कितने नगमे सजाये      गीत बनाये संगीत बनाये                                       - रामजी रामेष्ट दौदेरिया  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  लेखक / कवि / गीतकार 

हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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शीर्षक - हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ                 कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया  हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ  राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !   रावण से भी ज्यादा पापी अब पृथ्वी पर हो गये  कुम्भकर्ण फिर जाग गया, हम कुम्भकर्ण से सो गये  पापियों के पाप का हिसाब कर जाओ  पापियों का आकर सर्वनाश कर जाओ  रामराज्य स्थापना राम भारत में फिर से कर जाओ  गीता के उपदेश कृष्ण भारत में फिर से सुना जाओ  हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ  राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !    पापियों के पाप से आज सृष्टि ताप रही  त्राहिमाम त्राहिमाम कर आज धरती काँप रही   मानव को मानवता मर्यादा राम सीखा जाओ  वचन का पालन करना हम को राम सीखा जाओ  छल से भी पापियों का वध करना हम को कृष्ण सीखा जाओ  महाभारत युद्ध जैसी नीतियाँ हम को कृष्ण सीखा जाओ  हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ  राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ ! एक ही नारी संग सुख दुख जीवन जीना हम को राम सीखा जाओ  जो हो प्रिये से प्रिये उसका भी त्याग करना राष्ट्रहित में हम को राम सीखा जाओ  आज की गोपियों को प्रेम की भाषा कृष्ण स