श्रीराम मंदिर के लिए दिए प्राण - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
5 अगस्त 2020 हमेशा के लिए स्वर्ण अक्षरों में इतिहास में दर्ज हो गया, श्रीराम मंदिर भूमि पूजन देख हृदय बहुत प्रसन्नता से भर गया और भावुक भी हो गया ( इतना प्रसन्न और इतना भावुक हृदय हुआ जिसका वर्णन शब्दों से नहीं किया जा सकता) हो भी क्यों न श्रीराम मंदिर के लिए अनगिनत हिन्दूयों ने उनकी पीढ़ी दर पीढ़ियों ने बलिदान दिया कुर्बानियाँ दी, 500 वर्ष पुराना युद्ध अब समाप्त हो जाएगा, मै आज उन वीर बलदानियों कोटि-कोटि नमन करता हूँ जिन्होंने श्रीराम मंदिर के लिए अपनी कुर्बानी दी, आज मैं कुठारी बन्धु को याद करते हुए कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें समर्पित पंक्तियां लिखता हूँ ... शीर्षक - श्रीराम मंदिर के लिए दिए प्राण कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया कोठारी बन्धु रामकुमार और शरद का बलिदान भूल नहीं पाएंगे राम भक्त भूल नहीं पाएगा हिन्दुस्तान हृदय में थी राम भक्ति साहस अपार अपार थी शक्ति राम के लिए था जुनून मंदिर निर्माण के लिए बहाया खून दो सौ किलोमीटर पैदल चल कर अयोध्या आए जय श्