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अपने अंदर के रावण को जलाओ - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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   शीर्षक - अपने अंदर के रावण को जलाओ               कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  रामजी रामेष्ट दौदेरिया 

धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर अश्लीलता क्यों - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

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इस समय भारत का पवित्र पर्व चल रहा है नवरात्रि , जिस में हम नौ दिन अलग - अलग माता के नौ स्वरूप झाँकी के दर्शन करते हैं, हमे नवरात्रि में नवमाता का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं जिससे हमारा जीवन धन्य होता हैं, नवरात्रि में होने वाले कार्यक्रम माता के भजन माता के कीर्तन को श्रवण कर नयी ऊर्जा का संचार हमारे जीवन में होता हैं, पहले जब बड़े बुजुर्ग कार्यक्रम करवाते थे तो हमें माता के सुन्दर कीर्तन भजन और अजरी सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता था ! लेकिन आज कल हम देख रहें नवरात्रि कार्यक्रम के नाम पर, माँ माता के पवित्र नाम पर जो कार्यक्रम अयोजित होते है उन में ज्यादातर कार्यक्रम में नाच गाना के नाम पर अश्लीलता झलकती है, जिन में कलाकार भगवान का चरित्र करते हैं जैसे राधा कृष्ण का,  लीला करते नाच करते हैं, लेकिन इन झाँकीयो में नाच गाने के नाम पर फिल्मी गाने होते हैं अश्लील नाच होता है! दुखद बात ये है कि ये सब कुछ राधा कृष्ण के चरित्र में होता है, भगवान के चरित्र में होता है जिन में गणेश जी नाचते है, राधा कृष्ण ( पात्र)  नाचते और अश्लील हरकते करते हैं ! क्