संदेश

जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

श्री चंद्रशेखर आजाद जी को समर्पित ये पंक्तियां रामजी रामेष्ट दौदेरिया की पुस्तक कव्य कलश, राम के मनके से

चित्र
महान क्रान्तिकारी भारत माता के सच्चे सपूत शेर ए हिंदुस्तान श्री चंद्रशेखर आजाद के आजाद जन्मदिवस पर कोटि कोटि नमन कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🌹🌹🙏🙏                                                                                        मेरी पुस्तक कव्य कलश, राम के मनके से स्वतंत्रता के क्रांतिकारी श्री चंद्रशेखर आजाद जी को समर्पित मेरी लिखी पंक्तियां  देश भक्ति, शहीद महापुरुषों व अन्य विषयों पर कविताएँँ  पढ़ने के लिए   काव्य संग्रह  काव्य कलश, राम के मनकेे   पुस्तक मंगवाए      भारत माता की जय जय हिंद वंदेमातरम 🙏🙏 " कव्य कलश, राम के मनके " पुस्तक मंगवाने के लिए लिंक पर क्लिक करें  https://www.amazon.in/gp/product/9389984181/ref=cx_skuctr_share?smid=A1MJYCR4V3GYAD रामजी रामेष्ट दौदेरिया ( रामजी दौदेरिया) 

पार्थना हे माँ शारदे - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

चित्र
🙏 पार्थना 🙏 शीर्षक - हे माँ शारदे  कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया  हे माँ शारदे   मुझे माँ तारदे  हे माँ इतना वर दे मेरे सपने  पूर्ण कर दे  राह दिखाओ  मंजिल तक पहुँचाओ  प्रतिभा तुम ने दी माँ   सफलता तुम ही दिलाओ  बीच भँवर में फँसी है नैया, मैया कर पार दे  हे माँ शारदे  मुझे माँ तारदे  🖊🖋 रामजी रामेष्ट दौदेरिया                            कवि लेखक    

प्रार्थना तीनों लोक के स्वामी - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

चित्र
                                                                                                                                                                    🙏 प्रार्थना 🙏                                  शीर्षक  - तीनों लोक के स्वामी                                           कवि   -   रामजी रामेष्ट दौदेरिया                              तीनों लोक के स्वामी                                                                                        प्रभु अंतर्यामी                                      आप के चरणों में रखूँ अपना शीश                                                  हाथ जोड़ विनती करूँ विनती सुन लो मेरे ईश     मुझे मेरे लक्ष्य तक पहुँचाओ                                                   बीच मार्ग में मैं खड़ा प्रभु मार्गदर्शक बन के आ जाओ    लक्ष्य है दूर, मैं रास्ते में खड़ा मजबूर                                                                           हे ईश्वर मार्गदर्शन मेरा ज़रूर      दूर करो प्रभु मेरे राहों की खामी                                            

कुम्भकरण और विभीषण विश्लेषण - kumbhakarn and vibhishan analysis by Ramji Ramesht dauderiya

चित्र
हर मुसीबत में भाई ही भाई के साथ आता है, अगर आप पर कोई समस्या आ गई सारी दुनिया आप के खिलाफ हो गईं तो एक सच्चा भाई धर्मात्मा भाई ( जो भाई का साथ देने में अपना धर्म समझता हो ) आप का साथ ज़रूर देगा, अगर आप कुछ गलत भी कर रहो हो तो भी वह आप का साथ देगा  लेकिन कुछ भाई ऐसे भी होते हैं जो अपने भाई को मुसीबत में छोड़ कर चलें जाते हैं, भाई को मुसीबत में छोड़ के चलें जाना अधर्म है और उससे भी बड़ा अधर्म भाई का साथ छोड़ कर उसका साथ देना जो तुम्हारे भाई का दुश्मन है ऐसा कर के तुम अपने भाई की समस्या और बढ़ा रहें हो  भाई भाई के रिश्ते में अगर धर्म और अधर्म की व्याख्या जाननी है तो विभीषण और कुम्भकरण से सटीक उदाहरण दूसरा और कोई नहीं है    कुम्भकरण तथा विभीषण पर एक संक्षिप्त विश्लेषण    ऋषी विश्वश्ववा की दूसरी पत्नी कैकसी से जन्मे रावण, कुम्भकर और विभीषण... विभीषण की दृष्टि में धर्म  जब रावण माता सीता का हरण कर लाया तब विभीषण ने रावण को बहुत समझाया बार बार समझाया -  श्री रामचरितमानस के सुंदर कांड में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है -  अवसर जानि विभीषनु आवा ! भ्राता चरन सीसु तेहिं नावा !! पुनि सिरु

ज़रूरत पड़े मंहगाई और बढ़ा दो - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

चित्र
शीर्षक - ज़रूरत पड़े मंहगाई और बढ़ा दो   कवि  -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया  मंहगाई बढ़ रही तो बढ़ने दो  सैनिकों को आज़ादी से लड़ने दो  सारे देश का पैसा सेनाओं पर लगा दो    ज़रूरत पड़े मंहगाई और बढ़ा दो         नहीं है चिन्ता मंहगाई की  देश हित में खर्च होती अपनी कमाई की  आज ज़रूरत है सेनाओं को मजबूत करने की          देश के दुश्मनों से लड़ने की  आधुनिक अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित सेनाओं को कर दो   मनोबल अपनी सेनाओं में, खौफ दुश्मनों में भर दो           सारे देश का पैसा सेनाओं पर लगा दो              ज़रूरत पड़े मंहगाई और बढ़ा दो  देश हम से माँग रहा बस एक कुर्बानी  कितनी ही मंहगी हो स्वदेशी ही अपनानी  इस समय रोना उचित नहीं मंहगाई की मार पर     आलोचना करना उचित नहीं सरकार पर     इस समय देश हमारा जूझ रहा संकट काल से  मंहगाई तो ठीक है, शुक्र है जूझ नहीं रहा आकाल से  दुनिया की अर्थव्यवस्थाऐ चौपट हो गईं कोरोना काल से     हमें घबराना नहीं चाहिए आज मंहगाई के जाल से    सरकार इस समय मंहगाई का मुद्दा हटा दो  सर्वोपरि देश रक्षा में अपना ध्यान सारा लगा दो        सारे देश का पैसा सेनाओं पर लगा दो            ज़रूरत पड़े

Kavya kalash ram ke manke by Ramji dauderiya

चित्र
देशभक्ति, पर्यावरण प्रकृति, समाज,मंहगाई, प्रेम आदि हर विषयों पर कविताएँ मेरी पुस्तक काव्य संग्रह - काव्य कलश राम के मनके में ज़रूर पढ़े शानदार सुंदर कविताएँ कवि रामजी दौदेरिया ( रामेष्ट ‌)  काव्य कलश राम के मनके, काव्य संग्रह ज़रूर मँगवाए और पढ़े 55 शानदार सुंदर कविताएँ कवि रामजी दौदेरिया पुस्तक मंगवाने के लिए क्लिक करेंं   https://www.amazon.in/gp/product/9389984181/ref=cx_skuctr_share?smid=A1MJYCR4V3GYAD