हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
शीर्षक - हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ
कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ
राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !
रावण से भी ज्यादा पापी अब पृथ्वी पर हो गये
कुम्भकर्ण फिर जाग गया, हम कुम्भकर्ण से सो गये
पापियों के पाप का हिसाब कर जाओ
पापियों का आकर सर्वनाश कर जाओ
रामराज्य स्थापना राम भारत में फिर से कर जाओ
गीता के उपदेश कृष्ण भारत में फिर से सुना जाओ
हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ
राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !
पापियों के पाप से आज सृष्टि ताप रही
त्राहिमाम त्राहिमाम कर आज धरती काँप रही
मानव को मानवता मर्यादा राम सीखा जाओ
वचन का पालन करना हम को राम सीखा जाओ
छल से भी पापियों का वध करना हम को कृष्ण सीखा जाओ
महाभारत युद्ध जैसी नीतियाँ हम को कृष्ण सीखा जाओ
हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ
राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !
एक ही नारी संग सुख दुख जीवन जीना हम को राम सीखा जाओ
जो हो प्रिये से प्रिये उसका भी त्याग करना राष्ट्रहित में हम को राम सीखा जाओ
आज की गोपियों को प्रेम की भाषा कृष्ण सीखा जाओ
सच्चे प्यार की परिभाषा हम को कृष्ण सीखा जाओ
आज की गोपियों को झूठे प्रेमी की पहचान करना कृष्ण सीखा जाओ
प्यार जिहाद बनता जा रहा इस जिहाद की पहचान करना हम को प्रभु सिखा जाओ
हे राम हे कृष्ण भारत में फिर से आ जाओ
राम धर्म कृष्ण धर्म की रक्षा सीखा जाओ !
- रामजी रामेष्ट दौदेरिया
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