गुरु तो ईश है - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
शीर्षक - गुरु तो ईश है
कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
गुुरु तो ईश है ,गुुरु से ज्ञान है, ज्ञान से इंसान है
बिन गुुरु ज्ञान नहीं ,बिन ज्ञान इंसान अज्ञान है
गुरु प्रेरणा देता हमे सत्य मार्ग पर चलने की
साहस देता जीवन में विपत्तियों से लड़ने की
गुरु ज्ञान से प्राप्त होती जीवन में सफलता
जीवन धन्य उसका जो गुुरु की राह पर चलता
जग में यश पाता जो गुुरु का करता सम्मान है
गुुरु तो ईश है ,गुुरु से ज्ञान है ,ज्ञान से इंसान है
बिन गुुरु ज्ञान नहीं ,बिन ज्ञान इंसान अज्ञान है
अज्ञान को ज्ञान देता गुरु वो प्रकाश है
प्रकाशमय जीवन उसका, जिसका गुुरु पर विश्वास है
गुुरु को छोड़ ज़रूरत नहीं कही भटकने की
ज़रूरत है गुुरु ज्ञान को जग में बाँटने की
गुुरु के उपदेशों पर करना चाहिए ध्यान है
गुरु तो ईश है ,गुरु से ज्ञान है , ज्ञान से इंसान है
बिन गुुरु ज्ञान नहीं ,बिन ज्ञान इंसान अज्ञान है
करता गुरु सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शन है
सच्चाई देखाता जीवन की, गुुरु वो दर्पण है
गुुरु ज्ञान का भंडार हैं
तीर्थ पथ, मंदिर का द्वार है
इंसान को बना दे महान गुुरु वो भगवान है
माँ पिता हैं पहले गुरु, उन से जग में ना कोई महान है
गुुरु तो ईश है ,गुरु से ज्ञान है , ज्ञान से इंसान है
बिन गुरु ज्ञान नहीं ,बिन ज्ञान इंसान अज्ञान है
- रामजी रामेष्ट दौदेरिया
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