बलात्कारियों को फाँसी हो - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
शीर्षक - बलात्कारियों को फाँसी हो
कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
क्यों थम नहीं रहा हैं ये सिलसिला बलात्कार का
शासन प्रशासन जिम्मेदार या संविधान बेकार का
कठोर से कठोर कानून बनेगा कब
बलात्कारियों को ज़िंदा जलाओ, फाँसी दो अब
शासन प्रशासन संविधान से
बेटियों की रक्षा ना हो पायेगी
सुरक्षित होगी जब स्वयं बेटी,
दुर्गा काली, रानी झाँसी वाली बन जायेगी
बलात्कारियों को ना माफ़ी हो
फाँसी हो बस फाँसी हो फाँसी हो
इंसानियत हो रही शर्मसार
हर दिन हो रहे यहाँ बलात्कार
हे देश की बहनों बेटियों हम शर्मिंदा हैं
बलात्कारी दुराचारी समाज में अभी ज़िंदा हैं
- रामजी रामेष्ट दौदेरिया
रामजी रामेष्ट दौदेरिया
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