भीड़ अनगिनत शराबों की दुकान पर - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
भीड़ अनगिनत देखी शराबों की दुकान पर
खेल रहे शराबी अपनी जान पर
फिक्र नहीं इन्हें देश की, फैल रहा कोरोना वायरस
इन्हें तो पीना है जी भर के बस मदरा रस
मस्त हैं धुन में ये मदरा पान कर
भीड़ अनगिनत देखी शराबों की दुकान पर
खेल रहे शराबी अपनी जान पर
धज्जियाँ उड़ गई सामाजिक दूरी की
नारा दो गज दूरी बहुत ज़रूरी की
प्रधानमंत्री का नारा झूठा दिख रहा है
सरकार ही ज़िम्मेदार, भीड़भाड़ में मदरा बिक रहा है
मन विचलित हो गया लाइनें लम्बी देख शराबों की दुकान पर
भीड़ अनगिनत देखी शराबों की दुकान पर
खेल रहे शराबी अपनी जान पर
देश के युवा इतने शराबी
दिन आएंगे और कितने खराबी
गृह कलेश करते पी कर दारू
बच्चें पीटते पीटते महरारू
कोई फिक्र नहीं इन्हें अपने नुकसान पर
भीड़ अनगिनत देखी शराबों की दुकान पर
खेल रहे शराबी अपनी जान पर
शराब लेने के लिए लोग घरों से निकले
गर्मी धूप देख भी ना पिघले
राशन के लिए गरीबी का रोना रोते हैं
वो भी शराब खरीद पीते हैं
बेहतर यही होगा इस महामारी में बैठो अपने मकान पर
भीड़ अनगिनत देखी शराबों की दुकान पर
खेल रहे शराबी अपनी जान पर
- रामजी रामेष्ट दौदेरिया
रामजी रामेष्ट दौदेरिया
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