भोजन जन - जन का अधिकार - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

  शीर्षक - भोजन जन - जन का अधिकार 
    कवि -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया 
                  🙏 Please Save Food 🙏

          भोजन, जन जन का अधिकार है 
     भूख के कारण कोई कुपोषित है बीमार है 
                     जितने लोग यहाँ भूखे सोते 
              उससे अधिक भोजन यहाँ बर्बाद होते 


 एक कण भी ना छोड़ना थाली में 
         व्यर्थ ना बहाना नाली में 
   जितनी तुम्हारी भूख हो भोजन उतना ही लेना 
भिक्षुक को भिक्षा भले देना पर भोजन उसे करा देना  


  भूख क्या होती हैं एक दिन भूखे रह कर जानो 
    अपनी भूख छोड़, दूसरों की भूख पहचानो 
मेरी विनती रोटी के लिए कोई जग में ना रोए 
 भूखा ना कोई काम करें भूखा ना कोई सोए 


  किसी गरीब को तुम रहने ना देना भूखा 
पकवान नहीं दे सकते, दे देना रूखा सूखा 
 आओ हम एक पहल करें भूख से कोई ना मरें 
 पेट के खातिर गरीब कोई आत्म हत्या ना करें 


             जल, भोजन ना कभी कोई मोल लगाना 
अनमोल है जल की एक एक बूँद भोजन का एक एक दाना 
      व्यर्थ बर्बाद ना करना व्यर्थ ना बहाना 
    जागरूक बनो जागरूक सब को बनाना 
                                        -  रामजी रामेष्ट दौदेरिया 
रामजी रामेष्ट दौदेरिया 


          







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