पहले हम हैं एक इंसान - रामजी रामेष्ट दौदेरिया

शीर्षक - पहले हम हैं एक इंसान 
 कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया 

ना हिंदू ना मुसलमान 
पहले हम हैं एक इंसान 

खत्म करो नफ़रत की आग को 
महका दो प्यार भाईचारे के बाग को 
दिल में दया रखो जुवा पे राम 
मिलकर करो भाईचारे से काम 
सबसे पहले मानवता, राष्ट्रधर्म हो हमारी पहचान 
ना हिंदू ना मुसलमान 
पहले हम हैं एक इंसान 


हिंदू मुस्लिम में नफ़रत फैलाते कुछ लोग जमाने से 
नेताओं को मतलब अपनी राजनीति चमकाने से 
कुछ ना मिलेगा नुकसान हमारा होगा आपस में खून बहाने से  हम रहे मिलकर, बातों में न आए किसी के फुसलाने से 
राष्ट्रीय एकता है हमारी आन मान शान 
ना हिंदू ना मुसलमान 
पहले हम हैं एक इंसान 


ईश्वर एक हैं,एक है मंदिर मज्जिद और गुरुद्वारा 
नफ़रत खत्म हो सदा रहे भाईचारा हमारा 
भारतवर्ष की धरती को आओ मिलकर नमन करें 
बसी हैं दिलों में नफरते आओ इन का दमन करें 
घर है अपना सारा हिन्दुस्तान 
ना हिंदू ना मुसलमान 
पहले हम हैं एक इंसान 
                              
 हम ना एक दूसरे के घर जलाए 
आओ मिलकर देश को एक घर बनाए 
शांति से रहे दिलों में प्यार बसाए 
हम आज्ञानी हैं इंसान 
बुद्वी सतबुद्वी हमे दो भगवान 
ना हिंदू ना मुसलमान 
पहले हम हैं एक इंसान 
                               - रामजी रामेष्ट दौदेरिया 
रामजी रामेष्ट दौदेरिया - कवि लेेखक 


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