अपनी लड़ाई स्वयं लड़ - रामजी रामेष्ट दौदेरिया (मोटिवेशनल कविता)
शीर्षक - अपनी लड़ाई स्वयं लड़
कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया
दुनिया भर के लोग सुख में हमारे साथ
पर आया जब दुख सब छोड़ गये हाथ
दुनिया की भीड़ में हम अकेले रह गये
हम तुम्हारे साथ है ये सब कह गये
हम अकेले रह गये
बहुत सारे थे हमारे दोस्त सब स्वार्थी थे
वो भी दिखते नहीं, हम से जो लाभार्थी थे
सुख में सब साथ थे समुद्र की पानी की तरह
दुख में वो नदी के पानी की तरह बह गये
हम अकेले रह गये
जब धन दौलत थी हमारे पास
तब हजारों थे हमारे खास, रहते थे आस पास
अब कोई नहीं पास किस से करू आस
किसी की मत करो आस, तेरी अपनी भूख है तेरी प्यास
अपनी लड़ाई स्वयं लड़ बड़े बड़े महापुरुष कह गये
दुनिया की भीड़ में हम अकेले रह गये
हम तुम्हारे साथ है ये सब कह गये
हम अकेले रह गये
- रामजी रामेष्ट दौदेरिया
रामजी रामेष्ट दौदेरिया
लेखक - कवि
महामोटिवेशनल कविता - निश्चित आखिर में तू जीत जाएगा ! कवि - रामजी रामेष्ट दौदेरिया !
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